रामनवमी नोट्स
रोड किनारे हनुमान जी के मंदिर पर मजमा लगा है। लखबीर सिंह लख्खा गलाफाड़ू आवाज में जय श्री राम के नारे लगा रहे हैं। (ऑडियो बज रहा है) डीजे और लाउड स्पीकर जोरों से चिल्ला रहे हैं। पूरा रोड लाल और केसरिया झंडों से पटा पड़ा है। कोई बीच-बीच में साउंड बढ़ा दे रहा है। दो सरदार जी लोग हनुमान जी की सेवा में लगे हैं। कार्यक्रम का आयोजन टेम्पो चालक संघ ने किया है। भरी दोपहरी में मुश्किल से 15 लोग भी नहीं है। लेकिन डीजे वाले ने पूरा माहौल बना रखा है। मुझे अपने गांव वाले गोपाल जी याद रहे हैं , जो घुचुल पंडित जी को चिढ़ाने के लिए कहते थे , रामदूत अतुलित बल धामा , छटकल टांग फटल पयजामा। हनुमान जी श्री राम - श्री राम भजते थे। बजरंग दल वाले जय श्री राम - जय श्री राम चिल्लाते हैं। मरने के बाद चार कंधों पर सवार मुर्दे को बैकुंठ मिले , इसलिए लोग राम-राम ही भजते हैं। 15.04.2016